एशियन विवेकानंद अस्पताल के न्यूरोसर्जन डा. मयंक नक्कीपुरिया और नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ डा. प्रशांत पांडे का कमाल
मुरादाबाद। प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए एशियन विवेकानंद अस्पताल के डाक्टर्स की टीम ने जानकारी देते हुए बताया कि अस्पताल में एक नवजात शिशु भर्ती किया गया जिसकी उम्र करीब 15 दिन है। इस बच्चे को एक जन्म दोष बीमारी है जिसको मेडिकल की भाषा में मेनिंगो माइलोकोले कहा जाता है जिसका साइज 3 सेंटीमीटर था।
इस संबंध में डा. मयंक नक्कीपुरिया ने ओर जानकारी देते हुए बताया कि ये बीमारी जन्मदोष है जिसमें रीढ़ की हड्डी और मेनिंजेस के बीच एक असामान्य कनेक्शन होता है। जो रीढ़ की हड्डी के आसपास दवाब डाला सकता है। जिसकी वजह से न्यूरोलाजिकल समस्याएं हो सकती है। इसलिए मेनिंगो माइलोकोले सर्जरी की जरिए इस बीमारी का सफल उपचार किया गया है। ये सर्जरी एक जटिल प्रक्रिया है। अब बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ हैं और एक्टिविटी भी ठीक कर रहा है। इस सर्जरी के लिए परिजनों को कोई खर्च भी नहीं करना पड़ा। क्योंकि आयुष्मान योजना के तहत से इलाज संभव हो सका है।
मुरादाबाद के एशियन विवेकानंद अस्पताल में डाक्टर्स की टीम जटिल विभिन्न बीमारियों का सफल उपचार कर प्रतिदिन एक नई ख्वायति एशियन के नाम लिख रही हैं। जिसको लेकर मेडिकल डायरेक्टर डा. प्रशांत पांडे, रीजनल डायरेक्टर डा हिलाल अहमद, सेंटर हेड शोएब मलिक ने न्यूरोसर्जन डा. मयंक नक्कीपुरिया और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ प्रशांत पांडे और उनकी सहयोगी टीम को बधाई दी।