मुरादाबाद। 22 जनवरी को पूरे महानगर में अकल्पनीय, अविश्वसनीय उत्सव, महाउत्सव मानो यह केवल एक प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम नहीं रहा ।इससे महाउत्सव से हिन्दू समाज की भावनाएं उनका आत्मविश्वास पुनः लौट कर आया।क्या यह वह क्षण था जिसकी एक लंबी समय से प्रतीक्षा थी, जिसकी प्रतीक्षा में हिंदू समाज पलकें बिछाए बैठा था, इसके लिए 500 वर्षों का समय और 5 लाख लोगों की बलिदान दिया था। इतनी कीमत चुकाने के बाद यह गौरव प्राप्त हो पाया है।अपने आप पर जैसे विश्वास ही ना हो रहा हो कि हमारे राम किसी मंदिर में नहीं हमारे दिल में विराजमान हो गए, हमारा गौरव हमारा आत्म सम्मान पुनः वापस प्राप्त हो गया।
महानगर के सभी छोटे-बड़े मन्दिरों में भव्य कार्यक्रमों का आयोजन हुआ छोटे-छोटे मन्दिर में भी भव्य रूप से सजाए गए, अनेकों मन्दिरों में सुंदरकांड के पाठ, हनुमान चालीसा, विशेष पूजन-अनुष्ठान भजनों के कार्यक्रम दिन भर चलते रहे।अधिकांश मंदिरों में भंडारों का आयोजन हुआ। जैन मन्दिरों, गुरुद्वारों में भी सज्जा एवं अनेक आयोजन किये गये। मन्दिरों के अतिरिक्त भी बहुत सारी संस्थाओं ने बड़े-बड़े भंडारों का आयोजन किया गया, अनेक सार्वजनिक स्थानों, पार्कों आदि में भी सुंदरकांड और हनुमान चालीसा होते देखे गए।अनेक मंदिरों में बड़ी-बड़ी एलसीडी लगाकर भक्तों ने अयोध्या में चल रहे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लाइव देखा। मन्दिरों के साथ-साथ प्रत्येक हिन्दू घरों में दीपावली की तरह सज्जा दीपक, बिजली की झालरें, रंगोली, फुलझड़ियां, अनार, पटाखे द्वारा खुशियां मनाई गई।
मंदिरों के साथ-साथ पूरी की पूरी गलियां पूरा-पूरा मोहल्ला भी सजाया गया अनेक स्थानों पर सड़कों पर टेंट लगाकर के भी कार्यक्रम आयोजित किए गए। शाम को सभी मंदिरों में एवं अनेक संस्थानों में दीप दान के कार्यक्रम हुए।