लोकसभा व राज्यसभा के 142 सांसदों के निलंबन को लोकतंत्र की हत्या बताते हुए कांग्रेस ने आज कलेक्ट्रेट पर सरकार विरोधी नारेबाजी के साथ जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान इस निलम्बन की कार्यवाही को बापस लिये जाने की मांग राष्ट्रपति से करते हुए जिला प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा।
शुक्रवार को जिला व महानगर इकाई के कांग्रेसी कलेक्ट्रेट पर जमा हुए। पार्टी के देशव्यापी आवाहन पर इन्होंने दोनो सदनों से 142 सांसदों के निलंबन को अवैधानिक बतलाते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। जिलाध्यक्ष असलम खुर्शीद ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया। उन्होंने कहा कि संसद में घुसपैठ से ज्यादा चिंता व भय सरकार को इस पर सवाल उठाने वालों से था।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा कि दोनो ही सदनों में सभापतियों ने सरकार के इशारे पर संसद की गरिमा व गौरव को अपमानित किया। संसद के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि एक साथ इतने सदस्यों को बिना अपराध निलंबित किया गया हो।
महानगर अध्यक्ष अनुभव मेहरोत्रा ने कहा कि सरकार की दमनकारी नीतियों का विरोध कांग्रेस आखिर तक करती रहेगी। सरकार सवाल उठाने से घबराती है इसीलिए दमनकारी नीतियों से कमियों को छुपाने में लगी रहती है बाद में जोरदार नारेबाजी के बीच राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को कांग्रेस नेताओं ने सौपा। इसमे उनसे हस्तक्षेप कर इस निलम्बन को समाप्त कराए जाने की मांग की गई। प्रदर्शन के दौरान पीसीसी अनूप दुबे, अल्पसंख्यक के जिलाध्यक्ष अफजल साबरी,अमीरुल हसन जाफरी,असद मौलाई, संजीव शर्मा,राजेन्द्र वाल्मीकि, भयंकर सिंह बौद्ध,मो अब्बास, श्याम बाबू वाल्मीकि, कामिल मंसूरी,इरशाद,बंटी सरदार,शहजाद खा,राजेशपाल एवं उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता सुधीर पाठक मोजूद रहे।